Monday, September 8, 2014

नर्वार्णमन्त्र सर्वत्र विजय के लिए मोक्ष प्राप्ति के लिए रोग नाश के लिए प्रितीकरण के लिए पति-प्राप्ती हेतु पत्नी प्राप्ति हेतु सर्वबाधा निर्वार्ण के लिए

नर्वार्णमन्त्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे 
सर्वबाधा निर्वार्ण के लिए 
सार्वा बाधा विर्निमुक्तो धन धान्य सुतान्वित: । 
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय : ॥ 

पत्नी प्राप्ति हेतु 
ॐ पत्नी मनोरमां देहि मनो वृता नुसारिणीम् । 
तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्-भवाम् ॥ 

(पति-प्राप्ती हेतु) 
ॐ कात्यायनि महमाये महा योगिन्यधीश्वरी । 
नन्द गोप सुतं देवी पतीं मे कुरु ते नमः ॥ 

प्रितीकरण के लिए 
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै 
नाम सह नाम प्रितीकुरु कुरु ॐ वषत ॐ 

रोग नाश के लिए  
ॐ रोगा न शेषा नपहंसि तुष्टा 
रुष्टा तु कामान् सकला न भिष्टान् 
त्वामाक्ष्रितानानाविपन्नराणां 
त्वामा क्ष्रिताहमा श्रयतां प्रयान्ति ॥ 

पुत्र प्राप्ति के लिए 
ॐ देवकि सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते । 
देही मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥ 

विधा प्राप्ति के लिए 
ॐ माँ शारदे नमस्तुभ्यं काश्मीरपुर वासिनी । 
त्वामहं प्रार्थये नित्यं विधा दानञ्च देहि मे ॥ 

संकट निवृती के लिए 
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने । 
प्रणतक्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः ॥ 

सर्वत्र विजय के लिए 
विजयाभिमुखो राजा श्रुत्वै तदभियाति यान् । 
बलि तस्मै हरन्त्यग्रे राजान: पृथवे यथा ॥ 

मोक्ष प्राप्ति के लिए 
योगीन्द्राय नमस्तस्मै शुकाय ब्रह्मा रुपिणे । 
संसार सर्प दष्टं यो विष्णु रात ममूमुचत् ॥ 
भगवत् प्राप्ति के लिए 
हा नाथ रमण प्रेष्ठ क्वासि क्वासि महभुज । 
दास्यास्ते कृपणाय मे सखे दर्शय सन्निधिम् ॥ 
बटुक भरैव सिधी मन्त्र 
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुधारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ 
शरीर स्वस्थ के लिए 
ॐ जूं सः निलार्णवं पालय 
पालय कुरु कुरु सः जूं ॐ

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