नर्वार्णमन्त्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
सर्वबाधा निर्वार्ण के लिए
सार्वा बाधा विर्निमुक्तो धन धान्य सुतान्वित: ।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय : ॥
पत्नी प्राप्ति हेतु
ॐ पत्नी मनोरमां देहि मनो वृता नुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्-भवाम् ॥
(पति-प्राप्ती हेतु)
ॐ कात्यायनि महमाये महा योगिन्यधीश्वरी ।
नन्द गोप सुतं देवी पतीं मे कुरु ते नमः ॥
प्रितीकरण के लिए
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
नाम सह नाम प्रितीकुरु कुरु ॐ वषत ॐ
रोग नाश के लिए
ॐ रोगा न शेषा नपहंसि तुष्टा
रुष्टा तु कामान् सकला न भिष्टान्
त्वामाक्ष्रितानानाविपन्नराणां
त्वामा क्ष्रिताहमा श्रयतां प्रयान्ति ॥
पुत्र प्राप्ति के लिए
ॐ देवकि सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते ।
देही मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ॥
विधा प्राप्ति के लिए
ॐ माँ शारदे नमस्तुभ्यं काश्मीरपुर वासिनी ।
त्वामहं प्रार्थये नित्यं विधा दानञ्च देहि मे ॥
संकट निवृती के लिए
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।
प्रणतक्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः ॥
सर्वत्र विजय के लिए
विजयाभिमुखो राजा श्रुत्वै तदभियाति यान् ।
बलि तस्मै हरन्त्यग्रे राजान: पृथवे यथा ॥
मोक्ष प्राप्ति के लिए
योगीन्द्राय नमस्तस्मै शुकाय ब्रह्मा रुपिणे ।
संसार सर्प दष्टं यो विष्णु रात ममूमुचत् ॥
भगवत् प्राप्ति के लिए
हा नाथ रमण प्रेष्ठ क्वासि क्वासि महभुज ।
दास्यास्ते कृपणाय मे सखे दर्शय सन्निधिम् ॥
बटुक भरैव सिधी मन्त्र
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुधारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ
शरीर स्वस्थ के लिए
ॐ जूं सः निलार्णवं पालय
पालय कुरु कुरु सः जूं ॐ
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